भारत में बालश्रमिकों के लिए उत्तरदायी कारणों की विवेचना
Author : अश्वनी यादव
Abstract :
बचपन किसी भी समाज में एक अनिवार्य अनुभव है, जो सामान्य आवश्यकताओं व विकास के आधार पर तय होता है। तथा इसके लिए वृद्धि, सीखने, कौशल प्राप्त करना, मूल्यों को विकसित करना तथा खेलने के लिए समय अनिवार्य तत्व होते हैं। पर अतीत से लेकर वर्तमान तक कुछ बच्चों को अपने दैनिक जीवनचर्या के लिए कठोर श्रम का सहारा लेना पड़ा है, जहाँ उन्हें जिस समय स्कूल या खेल के मैदान में होना चाहिए था, वहीं वे अपना समय कठोर श्रम में व्यतीत कर रहे थे। प्राचीन काल से चाहे वह दासता के रूप में हो या वर्तमान में बाल श्रम के रूप में उन्हें चंद पैसों के लिए अपना बचपन खोना पड़ता है। इसमें सबसे प्रमुख कारण उनके परिवार का गरीब होना है। लेकिन इसके साथ साथ अन्य भी कारण है जो बाल श्रम के लिए जिम्मेदार है जैसे बेरोजगारी, शिक्षा, जागरूकता आदि | अंत: इस शोध के माध्यम से हम बालश्रम के लिए उत्तरदायी कारणों की गहराई से विवेचना करेगे साथ ही दिखाने का प्रयास करेगे की क्यों आजादी के 75 साल के उपरांत भी यह जिम्मेदार कारक आज भी हमारे समाज मे मौजुद है I
Keywords :
बालश्रमिक, गरीवी, बेरोजगारी, पिछडापन आदि I